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हर शाम को मैं टूटे दिलों की दवा पिलाता हू, दे दे कर आवाज़ सबको अपने पास बुलाता हू॥

खिले गुलाब का मुरझाना बुरा लगता है, मोहब्बत का यूं मर जाना बुरा लगता है||

Hme to ab b vo guZra jmaana yaad aata h, Tumhe b kya kbi koi Deewana yaad aata h!