सूखे पत्तों की तरह बिखरे हुए थे हम.. .उसने समेटा ज़रूर...मगर जलाने के लिए... on January 23, 2012 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps सूखे पत्तों की तरह बिखरे हुए थे हम.. . उसने समेटा ज़रूर...मगर जलाने के लिए... Jitesh Attry Comments
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