दिल पे एक तरफ़ा क़यामत करना
मुस्कुराते हुए रुखसत करना
अच्छी आँखें जो मिली हैं उसको
कुछ तो लाजिम हुआ वहशत करना
जुर्म किसका था, सज़ा किसको मिली
अब किसी से ना मोहब्बत करना
घर का दरवाज़ा खुला रखा है
वक़्त मिल जाये तो ज़ह्मत करना !
मुस्कुराते हुए रुखसत करना
अच्छी आँखें जो मिली हैं उसको
कुछ तो लाजिम हुआ वहशत करना
जुर्म किसका था, सज़ा किसको मिली
अब किसी से ना मोहब्बत करना
घर का दरवाज़ा खुला रखा है
वक़्त मिल जाये तो ज़ह्मत करना !
Comments
Post a Comment