क्या हुआ तुमको अगर चेहरे बदलना आ गया
हमको भी हालात के साँचे में ढलना आ गया
रोशनी के वास्ते धागे को जलते देखकर
ली नसीहत मोम ने उसको पिघलना आ गया
शुक्रिया ऎ दोस्तो, बेहद तुम्हारा शुक्रिया
सर झुकाकर जो मुझे रस्ते पे चलना आ गया
सरफिरी आँधी का थोड़ा-सा सहारा क्या मिला
धूल को इंसान के सर तक उछलना आ गया
हमको भी हालात के साँचे में ढलना आ गया
रोशनी के वास्ते धागे को जलते देखकर
ली नसीहत मोम ने उसको पिघलना आ गया
शुक्रिया ऎ दोस्तो, बेहद तुम्हारा शुक्रिया
सर झुकाकर जो मुझे रस्ते पे चलना आ गया
सरफिरी आँधी का थोड़ा-सा सहारा क्या मिला
धूल को इंसान के सर तक उछलना आ गया
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