कितनी बार छले जायेंगे,कपट भरे विश्वाशों में?
कितने करगिल झेलेंगे,अनगिन शांति प्रयासों में?
फसल उगेगी बारूदी,कब तक केशर की क्यारी में
बेगुनाह कब तक मरेंगे,रोज यहाँ बमबारी में?
मौन सिकारों पर मातम,कब तक होगा अरमानो का?
घाटी में तांडव होगा,कब तक खुनी शैतानो का?
कितने करगिल झेलेंगे,अनगिन शांति प्रयासों में?
फसल उगेगी बारूदी,कब तक केशर की क्यारी में
बेगुनाह कब तक मरेंगे,रोज यहाँ बमबारी में?
मौन सिकारों पर मातम,कब तक होगा अरमानो का?
घाटी में तांडव होगा,कब तक खुनी शैतानो का?
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